Haryana Medhavi Vidyarthi Yojana: सरकारी स्कूलों के होनहार बच्चों के लिए खुशखबरी, हर महीने मिलेंगे ₹1000!
हरियाणा सरकार ने अपने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए एक शानदार योजना शुरू की है। इस योजना का नाम...

Haryana Medhavi Vidyarthi Yojana: हरियाणा सरकार ने अपने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए एक शानदार योजना शुरू की है। इस योजना का नाम है “शिक्षा उत्कृष्टता प्रोत्साहन” (Education Excellence Encouragement Scheme) — जिसके तहत कक्षा 7वीं से 12वीं तक हर कक्षा में टॉप करने वाले एक लड़के और एक लड़की को हर महीने ₹1000 की स्कॉलरशिप दी जाएगी।
इस स्कीम की खास बात यह है कि इसे राजीव गांधी छात्रवृत्ति योजना के तहत लागू किया गया है, जो साल 2005-06 से पहले से मौजूद है, लेकिन अब इसे और बेहतर तरीके से दोबारा लागू किया जा रहा है।
कौन-कौन विद्यार्थी ले सकते हैं इस योजना का फायदा?
इस योजना के दायरे में वे सभी विद्यार्थी आएंगे जो:
- हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं,
- कक्षा 7वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं हैं,
- वार्षिक परीक्षा में 60% या उससे ज्यादा अंक लाते हैं,
- और कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करते हैं।
हर कक्षा से सिर्फ एक लड़का और एक लड़की को यह राशि दी जाएगी। यानी एक स्कूल में कुल दो छात्र-छात्राओं को हर महीने ₹1000 मिलेंगे।
योजना का मकसद क्या है?
हरियाणा सरकार का मकसद है कि राज्य के होनहार और मेहनती बच्चों को पढ़ाई में और आगे बढ़ने के लिए आर्थिक सहायता और मानसिक प्रोत्साहन दोनों मिले। इससे बच्चे अपनी पढ़ाई को और गंभीरता से लेंगे, साथ ही प्रतियोगिता की भावना भी मजबूत होगी। यह स्कीम खासकर उन बच्चों के लिए फायदेमंद होगी जो प्रतिभाशाली हैं, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति उनके रास्ते में बाधा बनती है।
कैसे चुने जाएंगे विद्यार्थी?
- हर साल वार्षिक परीक्षा के परिणाम के आधार पर चयन किया जाएगा।
- ज़िला शिक्षा अधिकारी (DEO) सभी स्कूलों से टॉपर्स की लिस्ट मंगवाकर उन्हें राज्य शिक्षा निदेशालय को भेजेंगे।
- इसके बाद पात्र विद्यार्थियों को राशि ट्रांसफर की जाएगी।
अगर आप या आपके बच्चे हरियाणा के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं और क्लास में टॉप करने की काबिलियत रखते हैं — तो यह योजना आपके लिए बड़ा मोटिवेशन साबित हो सकती है। ₹1000 की मासिक राशि सिर्फ एक इनाम नहीं, बल्कि एक संदेश है कि मेहनत का फल जरूर मिलता है।